Posts

Showing posts from October, 2017

ज़िन्दगी की एक सच्चाई Motivational Thought Your Life

मधुर वाणी बोलना एक मंहगा शौक है, जो हर किसी के बस की बात नहीं अपने खराब मूड के समय बुरे शब्द ना बोलें, क्योंकि खराब मूड को बदलने के बहुत मौके  मिलेंगें पर शब्दों को बदलने के मोके नहीं मिलेंगे। माना दुनियाँ बुरी है, सब जगह धोखा है, लेकिन हम तो अच्छे बने हमें किसने रोका है, एक "पेन" गलती कर सकता है, लेकिन ऐक "पेन्सिल"  गलती नही कर सकती. क्यों..?? क्योंकि उसके साथ दोस्त है, "रबर" जब तक एक सच्चा दोस्त आपके साथ है, वह आपकी "जिंदगी" की गलतियाँ मिटाकर आपको अच्छा "इंसान" बना देगा । इसलिए सच्चे और अच्छे दोस्त हमेशा साथ रखिऐ। सब्र और सच्चाई एक ऐसी सवारी है जो अपने सवार को कभी गिरने नहीं देती ना किसी के कदमो में और ना किसी की नज़रों में।             तकदीर के खेल से नाराज नहीं होते जिंदगी में कभी उदास नहीं होते हाथों किं लक़ीरों पे यक़ीन मत करना तकदीर तो उनकी भी होती हैं, जिन के हाथ ही नहीं होते । किसी अच्छे इंसान से अगर कभी कोई गलती हो जाये तो सहन कर लेनी चाहिये, क्योँकि मोती अगर कभी कचरे में गिर भी जाये तो भी उसकी कीमत वो ही रहती हैं। र...

सिकन्दर के जीवन की एक अनोखी कहानी

सिकन्दर उस जल की तलाश में था, जिसे पीने से मानव अमर हो जाते हैं। दुनियाँ भर को जीतने के जो उसने आयोजन किए, वह अमृत की तलाश के लिए ही थे ! काफी दिनों तक देश दुनियाँ में भटकने के पश्चात आखिरकार सिकन्दर ने वह जगह पा ही ली, जहाँ उसे अमृत की प्राप्ति होती ! वह उस गुफा में प्रवेश कर गया, जहाँ अमृत का झरना था, वह आनन्दित हो गया । जन्म-जन्म की आकांक्षा पूरी होने का क्षण आ गया, उसके सामने ही अमृत जल कल - कल करके बह रहा था, वह अंजलि में अमृत को लेकर पीने के लिए झुका ही था कि तभी एक कौआ जो उस गुफा के भीतर बैठा था, जोर से बोला, ठहर, रुक जा, यह भूल मत करना। सिकन्दर ने🦅कौवे की तरफ देखा, बड़ी दुर्गति की अवस्था में था वह कौआ पंख झड़ गए थे, पँजे गिर गए  थे, अंधा भी हो गया था, बस कंकाल मात्र ही शेष रह गया था । सिकन्दर ने कहा, ‘तू रोकने वाला कौन? कौवे ने उत्तर दिया, ‘मेरी कहानी सुन लो मैं अमृत की तलाश में था और यह गुफा मुझे भी मिल गई थी ! मैंने यह अमृत पी लिया ! अब मैं मर नहीं सकता, पर मैं अब मरना चाहता हूँ।देख लो मेरी हालत, अंधा हो गया हूँ, पंख झड़ गए हैं, उड़ नहीं सकता, पैर गल गए हैं, एक बार मेरी ...

ईश्वर बड़ा दयालु है ! God Is Great

ईश्वर बड़ा दयालु है!! एक राजा का एक विशाल फलों का बगीचा था. उसमे तरह-तरह के फल होते थे और उस बगीचा की सारी देखरेख एक किसान अपने परिवार के साथ करता था. वह किसान हर दिन बागीचा मैं के ताज़े फल लेकर राजा के राजमहल में जाता था. एक दिन किसान बगीचे में से अमरुद एक टोकरी और मीठे बेर की एक टोकरी लेकर राजमहल में जा रहा था, अब रस्ते में सोचने लगा की राजा को आज कोन सी टोकरी दू ? आखिर उसने मीठे बेर की टोकरी राजा को देने की सोची, किसान जब राजमहल में पहुचा, राजा किसी दूसरे ख्याल में खोया हुआ था, किसान ने मीठे बेर की टोकरी राजा के सामने रख दी और थोड़े दूर बेठ गया, अब राजा उसी खयालो-खयालों में टोकरी में से बेर उठाता था और किसान के माथे पे निशाना साधकर फेक रहा था. राजा का बेर जब भी किसान के माथे पर लगता था किसान कहता था, ‘ईश्वर बड़ा दयालु है’ राजा फिर बेर फेकता था किसान फिर वही कहता था ‘ईश्वर बड़ा दयालु है’ अब राजा को आश्चर्य हुआ, उसने किसान से कहा, मै तुझे बार-बार बेर मार रहा हु, और बेर जोर से तुम्हारे सिर पर लग रहे हैं, फिर भी तुम यह बार-बार क्यों कह रहे हो की ‘ईश्वर बड़ा दयालु है’ किसान ने नम्रता से...

दिल को छू लेने वाली ऐसी लाइनें ! Motivational thought

*दिल को  छू लेने वाली ऐसी  32-लाइनें* --------------------------------------------------- 1. *क़ाबिल लोग न तो किसी को दबाते हैं और न ही किसी से दबते हैं*। 2. *ज़माना भी अजीब हैं, नाकामयाब लोगो का मज़ाक उड़ाता हैं और कामयाब लोगो से जलता हैं* । 3. *इज्जत किसी आदमी की नही जरूरत की होती हैं. जरूरत खत्म तो इज्जत खत्म* । 4. *सच्चा चाहने वाला आपसे प्रत्येक तरह की बात करेगा*. *आपसे हर मसले पर बात करेगा लेकिन* *धोखा देने वाला सिर्फ प्यार भरी बात करेगा*। 5. *हर किसी को दिल में उतनी ही जगह दो जितनी वो देता हैं.. वरना या तो खुद रोओगे, या वो तुम्हें रूलाऐगा* । 6. *खुश रहो लेकिन कभी संतुष्ट मत रहो* । 7. *अगर जिंदगी में सफल होना हैं तो पैसों को हमेशा जेब में रखना, दिमाग में नही* । 8. *इंसान अपनी कमाई के हिसाब से नही,अपनी जरूरत के हिसाब से गरीब होता हैं* । 9. *जब तक तुम्हारें पास पैसा हैं, दुनिया पूछेगी भाई तू कैसा हैं* । 10. *हर मित्रता के पीछे कोई न कोई स्वार्थ छिपा होता हैं ऐसी कोई भी मित्रता नही जिसके पीछे स्वार्थ न छिपा हो* । 11. *दुनिया में सबसे ज्यादा सपने तोड़...

चढाऊँ क्या तुझे भगवन , कि ये निर्धन का डेरा है । ईश्वर का बहुत प्यारा सा संदेश

चढाऊँ क्या तुझे भगवन कोई सोना चढाए , कोई चाँदी चढाए । कोई हीरा चढाए , कोई मोती चढाए । चढाऊँ क्या तुझे भगवन , कि ये निर्धन का डेरा है । अगर मैं फूल चढाती हूँ , तो वो भँवरे का झूठा है । अगर मैं फल चढाती हूँ , तो वो पक्षी का झूठा है । अगर मैं जल चढाती हूँ , तो वो मछली का झूठा है । अगर मैं दूध चढाती हूँ , तो वो बछडे का झूठा है । चढाऊँ क्या तुझे भगवन , कि ये निर्धन का डेरा है । अगर मैं सोना चढ़ाती हूँ , तो वो माटी का झूठा है । अगर मैं हीरा चढ़ाती हूँ , तो वो कोयले का झूठा है । अगर मैं मोती चढाती हूँ , तो वो सीपो का झूठा है । अगर मैं चंदन चढाती हूँ , तो वो सर्पो का झूठा है । चढाऊँ क्या तुझे भगवन, कि ये निर्धन का डेरा है । अगर मैं तन चढाती हूँ , तो वो पती का झूठा है । अगर मैं मन चढाती हूँ , तो वो ममता का झूठा है । अगर मैं धन चढाती हूँ , तो वो पापो का झूठा है । अगर मैं धर्म चढाती हूँ , तो वो कर्मों का झूठा है । चढाऊँ क्या तुझे भगवन , कि ये निर्धन का डेरा है । तुझे परमात्मा जानू , तू ही तो है - मेरा दर्पण । तुझे मैं आत्मा जानू , करूँ मैं आत्मा अर्पण.     ...

शर्माजी के साथ बुढ़िया माई की दर्द भरी कहानी

ऑफिस से निकल कर शर्माजी ने स्कूटर स्टार्ट किया ही था कि उन्हें याद आया, . पत्नी ने कहा था 1 दर्ज़न केले लेते आना। . तभी उन्हें सड़क किनारे बड़े और ताज़ा केले बेचते हुए एक बीमार सी दिखने वाली बुढ़िया दिख गयी। . वैसे तो वह फल हमेशा "राम आसरे फ्रूट भण्डार" से ही लेते थे, पर आज उन्हें लगा कि क्यों न बुढ़िया से ही खरीद लूँ ? . उन्होंने बुढ़िया से पूछा, "माई, केले कैसे दिए" . बुढ़िया बोली, बाबूजी 20 रूपये दर्जन, शर्माजी बोले, माई 15 रूपये दूंगा। . बुढ़िया ने कहा, 18 रूपये दे देना, दो पैसे मै भी कमा लूंगी। . शर्मा जी बोले, 15 रूपये लेने हैं तो बोल, बुझे चेहरे से बुढ़िया ने,"न" मे गर्दन हिला दी। . शर्माजी बिना कुछ कहे चल पड़े और राम आसरे फ्रूट भण्डार पर आकर केले का भाव पूछा तो वह बोला 28 रूपये दर्जन हैं . बाबूजी, कितने दर्जन दूँ ? शर्माजी बोले, 5 साल से फल तुमसे ही ले रहा हूँ,  ठीक भाव लगाओ। . तो उसने सामने लगे बोर्ड की ओर इशारा कर दिया। बोर्ड पर लिखा था- "मोल भाव करने वाले माफ़ करें" शर्माजी को उसका यह व्य...

इंसान अपनी कीमत का अंदाज़ा ही नही लगा सकता।

माइकल जब 13 साल का हुआ तो उसके पिता ने उसे एक पुराना कपड़ा देकर उसकी कीमत पूछी।* *माइकल बोला एक डॉलर तो पिता ने कहा कि इसे बेचकर दो डॉलर लेकर आओ। माइकल ने उस कपड़े को अच्छे से साफ़ कर धोया और अच्छे से उस कपड़े को फोल्ड लगाकर रख दिया। अगले दिन उसे लेकर वह रेलवे स्टेशन गया, जहां कई घंटों की मेहनत के बाद वह कपड़ा दो डॉलर में बिका।* *कुछ दिन बाद उसके पिता ने उसे वैसा ही दूसरा कपड़ा दिया और उसे बीस डॉलर में बेचने को कहा।* *इस बार माइकल ने अपने एक पेंटर दोस्त की मदद से उस कपड़े पर सुन्दर चित्र बना कर रंगवा दिया और एक गुलज़ार बाजार में बेचने के लिए पहुंच गया। एक व्यक्ति ने वह कपड़ा बीस डॉलर में खरीदा और उसे पांच डॉलर की टिप भी दी।* *जब माइकल वापस आया तो उसके पिता ने फिर एक कपड़ा हाथ में दे दिया और उसे दो सौ डॉलर में बेचने को कहा। इस बार माइकल को पता था कि इस कपड़े की इतनी ज्यादा कीमत कैसे मिल सकती है । उसके शहर में  मूवी की शूटिंग के लिए एक नामी कलाकार आई थीं। माइकल उस कलाकार के पास पहुंचा और उसी कपड़े पर उनके ऑटोग्राफ ले लिए।* *ऑटोग्राफ लेने के बाद माइकल उसी कपड़े की बोली लगाने लगा। बोल...