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Showing posts from November, 2017

माँ-बाप का कर्ज हम कभी नही चूका सकते । क्या होती है माँ

एक औरत थी, जो अंधी थी जिसके कारण उसके बेटे को स्कूल में बच्चे चिढाते थे कि अंधी का बेटा आ गया। हर बात पर उसे ये शब्द सुनने को मिलता था कि अन्धी का बेटा इसलिए वो अपनी माँ से चिडता था उसे कही भी अपने साथ लेकर जाने में हिचकता था उसे नापसंद करता था। उसकी माँ ने उसे पढ़ाया और उसे इस लायक बना दिया की वो अपने पैरो पर खड़ा हो सके लेकिन जब वो बड़ा आदमी बन गया तो अपनी माँ को छोड़ अलग रहने लगा। एक दिन एक बूढी औरत उसके घर आई और गार्ड से बोली मुझे तुम्हारे साहब से मिलना है जब गार्ड ने अपने मालिक से बोल तो मालिक ने कहा कि बोल दो मै अभी घर पर नही हूँ.। गार्ड ने जब बुढिया से बोला कि वो अभी नही है। तो वो वहा से चली गयी। थोड़ी देर बाद जब लड़का अपनी कार से ऑफिस के लिए जा रहा होता है, तो देखता है कि सामने बहुत भीड़ लगी है। और जानने के लिए कि वहा क्यों भीड़ लगी है वह, वहा गया तो देखा उसकी माँ वहा मरी पड़ी थी। उसने देखा की उसकी मुट्ठी में कुछ है, उसने जब मुट्ठी खोली तो देखा की एक लेटर जिसमे यह लिखा था कि बेटा जब तू छोटा था तो खेलते वक़्त तेरी आँख में सरिया धंस गयी थी और तू अँधा हो गया था तो मैंने तुम्ह...

एक नेताओं की घटिया करतूत

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एक नेता की घटिया करतूत आओ बच्चों तुम्हे दिखायें, शैतानी शैतान की । नेताओं से बहुत दुखी है, जनता हिन्दुस्तान की। बड़े-बड़े नेता शामिल हैं, घोटालों की थाली में । सूटकेश भर के चलते हैं, अपने यहाँ दलाली में । देश-धर्म की नहीं है चिंता, चिन्ता निज सन्तान की । नेताओं से बहुत दुखी है, जनता हिन्दुस्तान की । चोर-लुटेरे भी अब देखो, सांसद और विधायक हैं। सुरा-सुन्दरी के प्रेमी ये, सचमुच के खलनायक हैं । भिखमंगों में गिनती कर दी, भारत देश महान की । नेताओं से बहुत दुखी है, जनता हिन्दुस्तान की । जनता के आवंटित धन को, आधा मंत्री खाते हैं । बाकी में अफसर ठेकेदार, मिलकर मौज उड़ाते हैं । लूट खसोट मचा रखी है, सरकारी अनुदान की । नेताओं से बहुत दुखी है, जनता हिन्दुस्तान की । थर्ड क्लास अफसर बन जाता, फर्स्ट क्लास चपरासी है, होशियार बच्चों के मन में, छायी आज उदासी है। गंवार सारे मंत्री बन गये, मेधावी आज खलासी है।आओ बच्चों तुम्हें दिखायें, शैतानी शैतान की । नेताओं से बहुत दुखी है, जनता हिन्दुस्तान की। !!!!!!!!!!!!!!!!!!!! नेता को कार्यों को सम्भव बनाना चाहिए नेतृत्व मुख्य रूप से कार्...

विपत्ति के समय घबराने और हालत पर रोने की बजाय सब्र और बुद्धि से काम ले ! पंचतंत्र की कहानियां

फ्रेंड्स आपने पंचतंत्र की कहानियां तो सुनी ही होंगी. पंचतंत्र की कहानियां नैतिकता और मूल्यों को अपने सभी पाठको तक बहुत ही प्रभावी और मनोविज्ञानिक ढंग से सामने रखती है. क्या आप जानते है की पंचतंत्र की कहानियां आज से लगभग 2500 साल पहले विष्णु शर्मा द्वारा लिखी गई थी. तब से लेकर आज तक इन कहानियों के महत्त्व और शिक्षाओ ने लोगो का मार्गदर्शन किया है.  आज हम आपके साथ पंचतंत्र/ panchatantra की एक कहानी शेयर करने जा रहे है जो हमे बताती है की अगर इंसान विपत्ति के समय घबराने और हालत पर रोने की बजाय सब्र और बुद्धि से काम ले तो कोई समस्या उसके सामने बड़ी नहीं ह एक गांव में मनोहर और धर्मचंद नामक दो दोस्त रहते थे. वे परदेस से धन कमाकर लाये तो उन्होंने सोचा कि धन घर में न रखकर कहीं और रख दें, क्योंकि घर में धन रखना खतरे से खाली नहीं है. इसलिए उन्होंने धन नींम के पेड की जड में गड्ढा खोदकर दबा दिया. दोनों में यह भी समझौता हुआ कि जब भी धन निकालना होगा साथ-साथ आकर निकाल लेंगे. मनोहर भोला,  इमानदार और नेक दिल इंसान था जबकि धर्मचंद बेईमान था. वह दूसरे दिन चुपके से आकर धन निकालकर ले गया, उसके ...

ज़िन्दगी को बदल देने वाली मोटिवेशनल कहानी

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ज़िन्दगी को बदल देने वाली मोटिवेशनल कहानी 4 दिसम्बर 1982 को ऑस्ट्रेलिया में एक बच्चे का जन्म हुआ जिसका नाम  Nick Vujicic  था| Nick Vujicic अन्य बच्चों की तरह स्वस्थ थे, लेकिन उनमे एक कमी थी – वे Phocomelia नाम के एक दुर्लभ विकार के साथ पैदा हुय थे, जिसके कारण उनके दोनों हाथ और पैर नही थे। डॉक्टर हैरान थे कि Nick Vujicic के हाथ पैर क्यों नहीं है| Nick Vujicic के माता पिता को यह चिंता सताने लगी थी कि Nick Vujicic का जीवन कैसा होगा – एक बिना हाथ पैर वाले बच्चे का भविष्य कैसा होगा ??? बचपन के शुरूआती दिन बहुत मुश्किल थे| Nick Vujicic के जीवन में कई तरह की मुश्किलें आने लगी| उन्हें न केवल अपने स्कूल में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा बल्कि उनकी विकलांगता और अकेलेपन से वे निराशा के अन्धकार में डूब चुके थे| वे हमेशा यही सोचते थे और ईश्वर से हमेशा प्रार्थना करते थे कि काश उनको हाथ-पाँव मिल जाए| वे अपनी विकलांगता से इतने निराश थे कि 10 वर्ष की उम्र में उन्होंने आत्महत्या करने की कोशिश की| लेकिन फिर उनक़ी मां के द्वारा दिए गए एक लेख को पढ़कर उनका जीवन के प्रति नज़रिय...

माँ की ममता बड़ी निराली है । एक माँ का इतना प्यार

एक 16 साल के लड़के ने अपनी मम्मी से कहा की मम्मी मुझे मेरे 18 सालवे के जन्मदिन पर क्या गिफ्ट दोगी ? तो उस लड़के की मम्मी ने उस से कहा की जब तेरा 18 सालवा आएगा तो अलमारी के ऊपर देख लेना उसमे तेरा गिफ्ट रहेगा अभी बता दूंगी तो गिफ्ट का मज़ा नहीं आएगा। कुछ दिन बाद वो लड़का बीमार हो गया उसके मम्मी पापा उसको अस्पताल लेकर गए जाँच के बाद डॉक्टर ने लड़के के माता पिता से कहा की इसके दिल मै छेद है ये अब २ महीने से जयादा नही जी पायेगा 2 साल बाद लड़का ठीक होकर घर गया। तो उसे पता चला की उसकी माँ नही रही। उसे ये पता चलते ही उसने अलमारी खोली और उसने देखा की अलमारी में एक गिफ्ट पड़ा था। उसने जल्दी से वो गिफ्ट खोला उस गिफ्ट में एक चिठ्ठी थी उस चिट्टी में लिखा था की मेरे जिगर के टुकड़े अगर तू ये चिठ्ठी पढ़ रहा है तो तू बिलकुल ठीक होगा तुजे याद है जब तू बीमार हुआ था तब हम तुजे अस्पताल लेकर गए थे डॉक्टर ने कहा की तेरे दिल में छेद है तो उस दिन मै बहुत रोई और फैसला किया की मेरा दिल तुजे दूंगी याद है एक दिन तूने कहा था की मम्मी मुझे 18 साल वे जन्मदिन पर क्या दोगी तो बेटा मै तुजे अपना दिल दे रही हु उसको हमेश...